khuddari
आज एक भिखारी को भीख मंगाते देखा जो बड़ा सा टिका लगाए हुए था , और दो आदमी को चद्दर उठाए देखा बोल रहे थे कि मजार पर चद्दर चढ़ाने क लिए पैसे चाहिए। वही थोड़ी दूर पर एक बड़ी औरत को देखा जो कमर झुके हाथो में तम्बाखू और पान मसाला लिए थी उसके पैरो में कुछ पत्तेदार सब्जी भी राखी थी बेशक उसे बेचकर वो दिनभर में पचास रुपये भी न कमा पाए। वो मुझे उन पंडित जी या मुल्लाजी से लाख गुना ठीक लगी जो भीख मांग कर पैसे कम रहे थे. कम से कम लोगो में कुछ तो खुद्दारी होनी ही चाहिए। और जो लोग भीख देते है वो भी इस बात का ध्यान रखे की उन्ही लोगो को भीख दे जो इसके लायक हो। धन्यवाद। विनय सिंह सेंगर