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पढने की अभिलाषा

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                                          पढने  की अभिलाषा                       गांव  में नया विद्यालय  खुला था , सभी बच्चे विद्यालय जा रहे थे पर नेहा   जो कि  गांव  के गरीब किसान विनोद  की बेटी थी वह विद्यालय नहीं जा रही थी क्योंकि उसके गरीब पिता के पास उसे पढ़ाने  के लिए पैसे नहीं थे.  !  वही नेहा   जिसे  पढ़ना अच्छा लगता था वह   बच्चो को  विद्यालय जाते देखती तो उसका भी मन करता इसी कारण  वह विद्यालय की खिड़की से     मास्टर साहब को पढ़ाते  देखती  !एक शाम जब उसके पिता खेत से आये तो वह अपने पिता से एक स्लेट (लिखने वाली पट्टी)    लाने की जिद करने  ,पिता भी अपनी बेटी की जिद के आगे नतमस्तक  होकर  उसे एक  स्लेट लेकर दी , नेहा   स्लेट पर    मास्टर साहब ने जो पढ़ा...

रात की बारिश (बच्चो की कविता)

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  रात  की बारिश (बच्चो की कविता) ढल गया सूरज , बिछ गए बिस्तर  खाकर  भोजन हम, सो गए छत पर , सो गई अम्माँ , सो गई नानी ,  बच्चे सो गए , सुनकर कहानी, चुपके -चुपके अंधी आई , अपने साथ धूल वो लाई , चाचा जागे , पापा जागे , बिस्तर लेकर अंदर भागे, अम्मा ,नानी , चाची जागी , बच्चो को ले  घर अंदर को भागी, सौजन्य से wikimedia.org  आंधी ले ली तब अंगड़ाई , धड़क धड़क टीन  खड़खड़ाई , पेड़ की शाखा टूटी चटक चटक कर, दूर गिरा अब घर का छप्पर , अब बारिश की बारी आई ,  बुँदे गिरी टपक टपक कर , हवा करे अब फर्र-फर्र-फर्र, बच्चे सो गए सब अब डरकर , बिजली चमके चमक -चमक कर , शीशे टूटे चटक-चटक कर , फिर सब धीरे-धीरे थम गया, घर का हर व्यक्ति सो गया,  सुबह हुई फैली उजयाली, चारो तरफ थी , नई  हरियाली।                                                            ...

रिक्शेवाले का दर्द मेरी कलम से......

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आपका प्रोत्साहन ही मुझे ताकत देता हैं।  आपके प्रोत्साहन का सदैव इंतजार रहता हैं। रिक्शेवाले का दर्द मेरी कलम से......  मैं रिक्शा चलाता  हूँ , इंतजार करता हूँ एक सवारी  ,        जब आती है मेरी मैं  सवारी उठाता  हूँ। मैं रिक्शा चलाता  हूं।  दिन में रात में धूप  में बरसात में अपना काम करता जाता हूं। मै  रिक्शा चलाता  हूं।  हल्की  हो या भारी , कैसी भी हो सवारी उनको लेकर जाता हूं। मै रिक्शा चलता हैं।  चिल्लाता है मुझपर पुलिसवाला  , हटाता है मुझे दुकानवाला , मै  सबकी सुनता जाता हूँ। मै रिक्शा चलता हूं। पैसे मिलते है बहुत कम , पर इसका नहीं है कोई गम बस अपने परिवार का पेट भरता जाता हूँ। हाँ भाई मैं रिक्शा चलता हूं। (चित्र सौजन्य से wikimedia.org )                                                               ...