पढने की अभिलाषा

पढने की अभिलाषा गांव में नया विद्यालय खुला था , सभी बच्चे विद्यालय जा रहे थे पर नेहा जो कि गांव के गरीब किसान विनोद की बेटी थी वह विद्यालय नहीं जा रही थी क्योंकि उसके गरीब पिता के पास उसे पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे. ! वही नेहा जिसे पढ़ना अच्छा लगता था वह बच्चो को विद्यालय जाते देखती तो उसका भी मन करता इसी कारण वह विद्यालय की खिड़की से मास्टर साहब को पढ़ाते देखती !एक शाम जब उसके पिता खेत से आये तो वह अपने पिता से एक स्लेट (लिखने वाली पट्टी) लाने की जिद करने ,पिता भी अपनी बेटी की जिद के आगे नतमस्तक होकर उसे एक स्लेट लेकर दी , नेहा स्लेट पर मास्टर साहब ने जो पढ़ा...