चिराग ने बिहार में बुझाया NDA का चिराग

                                         

                                                                         बिहार चुनाव

                                   बिहार चुनाव सम्पूर्ण हुए और जैसा की आप जानते ही है की चुनाव के एग्जिट पोल भी आ गए है और ये एग्जिट पोल बताते है की तेजस्वी यादव (९वी पास  या फ़ैल ) बिहार के मुख्यमंत्री बनने वाले है , इसमें एक बात तो समः में आ गई की सुशाशन बाबू से लोग ऊब चुके है  यहाँ जैसाकि मालूम है मुस्लिम , यूथ ,यादव ने एकतरफा वोट डाला है यहाँ ये समझने वाली बात है की लोग लालू यादव के शासन की तुलना जांगले राज्य से करते है पर यहाँ  जो युवा है उन्होंने पिछले 15  वर्ष से सिर्फ सुसाशन बाबू का ही शाशन देखा है और बेरोजगारी की बड़ी समस्या से निपटने के लिए उन्होंने इस बदलाव को चुना है।  यहाँ पर वही बात प्रासंगिक होती है की भारत वासियो ने अंग्रेजो द्वारा किये गए  अत्याचार के बारे में पढ़ा है पर देखा नहीं है और आज का युवा अमेरिका , ब्रिटैन में पढ़ने और बसने के स्वप्न देखता है। 




2) बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान बीजेपी और नितीश के बीच  का घालमेल लोगो की समझ से परे था , जहाँ तेजस्वनी यादव लोगो के बीच अकेले ही 20-20  रैलियां  करके इस घालमेल को समझने में सफल रहे वही चिराग पासवान ज्यादा लालची प्रवृति दिखाकर NDA  का  बेडा गर्क करने में सबसे ज्यादा सहयोगी  रहे। लोग समझ ही नहीं सके की उनका वोट मोदी , नितीश, या चिराग किसको जा रहा है।  फिर ये तहरी बिहार की जनता इतना समीकरण कहाँ समझने वाली थी सीधा लालटेन में आते मार  दिया।  यहाँ बुद्धि  पर  बल भारी  पढ़ गया. 

3) क्या सुशाशन बाबू द्वारा बिहार में की गई शराब बंदी भी उनको हुए नुकसान का कारन बानी होगी।  यह संभव है बिहार जैसे राज्य में युवा शराब के लिए उप्र , झारखण्ड का रुख करते है इसलिए ये संभव है की बिहार की निम्न श्रेणी की जनता इस विषय पर भी नितीश जी से नैरा हो सकती है। 

4) योगी जी जो की अपने मुखर स्वाभाव के लिए जाने जाते है उन्होंने भी हो सकता है की बिहार के पूर्वोत्तर जिलों में जो की मुश्लिम बहुल है उनमे भी बहुत बड़ी संख्या बांग्लादेशी लोगो  की है उन्हें सीधा वापसी का टिकट पकड़ने की थी वही एक और नितीश जी अपनी रैलियों में ठीक इसके उलट बोलते रहे की किसिस को भगाया नहीं जायेगा इस प्रकार के दो मत भी जनता को कंफ्यूज कर गए और  दब  गया लालटेन का बटन। 

५) मुजफ्फ्फरपुर की रैली को ही ले तो मोदी जी द्वारा अंता को ये बताया गया की कौन कौन सी पार्टी NDA  का हिस्सा है पर लोकजनशक्ति  पार्टी और चिराग पासवान पर एक शब्द नहीं कहा अगर यहाँ लोजपा का विरोध करते वो  शब्दों में और लोगो को समझाया जाता की चिराग पासवान केंद्र में उनके साथ है पर बिहार में नहीं तो शायद बात दूसरी होती पर चिराग द्वारा नितीश जी का विरोध NDA  को बिहार में ले डूबा। 


                         फ़िलहाल यदि एग्जिट पोल के नतीजे पूरी तरह सही होते है जिनकी आशा लगभग 80 % है , तो बिहार को नया मुख्यमंत्री मिल चुका  है और आने वाला वक़्त ही बताएगा की बिहार की जनता का यह निर्णय कितना सही था। तेजस्वी यादव को बिहार विजय की शुभकामनाएं। 

 


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  # विनय सेंगर 


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