बिहार के चुनाव का मैन ऑफ़ द मैच कौन ?
बिहार के चुनाव का मैन ऑफ़ द मैच कौन ?
बिहार चुनाव अब संम्पन्न हो चुके है और नितीश कुमार जी का 7 वी बार बिहार मुख्यमंत्री बनाने का रास्ता साफ हो गया है, लगभग सभी प्रकार के एग्जिट पोल को झुट्लाते हुए NDA ने पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है। अब वही EV M पर हार का ठीकरा फूटना तय है जिसकी शुरुवात कांग्रेस के नेता उदित राज द्वारा सबसे पहले ट्वीट करके की जा चुकी है , अब RJD के झा जी द्वारा इससे भी आगे जाकर सीधे इलेक्शन कमीशन पर ही सवाल उठा दिया गया ,जिसका चुनाव आयोग द्वारा खंडन किया गया।
वैसे आप उदित राज जी को एक चिरपोटन # (जो व्यक्ति इटावा /औरैया के है वो जानते है ) से ज्यादा नहीं मान सकते है। इनके बाद दिग्ग्गी जी का और सबसे बड़े पप्पू भैया की आवाज बाकी है। पर अगर हम ये जानने प्रयासकरेंगे की बिहार इलेक्शन का मैन ऑफ़ द मैच किसे जाता है।
All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen( AIMIM ) :-
ये अस्सावुद्दीन ओवैसी की पार्टी है जिसने 20 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 05 सीटों पर विजय प्राप्त की आज अगर हम ये कहे ही किसी समय इसी तरह बहुजन समाजवादी पार्टी जीतती थी , वैसे यहाँ ये दिलचस्प है की AIMIM को नोटा , LJP ,BSP से भी काम वोट प्रतिशत मिला जो की मात्र 1. 24 % था पर वो इन्हे सीटों पर बदलने में कामयाब रहे।
बीजेपी :-
बीजेपी को क्या इस चुनाव में मैन ऑफ़ द मैच मानना सही है शायद नहीं क्योकि बीजेपी अगर यहाँ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती तो मन जा सकता था। लोकतंत्र में संख्या बल जरुरी है। अब यहाँ बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में अवश्य होगी बिहार में , और नितीश कुमार के हाथ जरूर थोड़े से बंधे हुए होंगे। लोकसभा चुनाव में बीजेपी सबका सूपड़ा साफ करती रही है पर बीजेपी अब किंग मेकर जरूर है। पर मेरी समझ में बीजेपी को मैन ऑफ़ द मैच नहीं दिया जा सकता।
RJD :-
तेजस्वी यादव क्योकि अब इसे लालू यादव की पार्टी कहना गलत होगा ,सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में उन्होंने 23. 1 % वोट के साथ सभी को कड़ी टक्कर देते हुए सभी दिग्गजो को पीछे छोड़ा। तेजस्वी जो की पहले क्रिकेट के खिलाडी रहे है उन्होंने अकेले ही अभिमन्यू की तरह लड़ते रहे पर अन्तोगत्वा सही रणनीति या ये कहे की ज्यादा अनुभव न होने के कारण हार का सामना करना पड़ा INC को ज्यादा सीटे देना ही उनकी गलती रही क्योकि कांग्रेस इन चुनावो में विक्रम के पीठ पर लदा हुआ बेताल साबित हुआ। यही गलती उप्र चुनावो में अखिलेष यादव भी कर चुके है। यहाँ यह कहना गलत नहीं होगा की इस चुनाव केअसली हीरो तेजस्वी यादव ही है।
इस चुनाव में सबसे चौकाने वाली बात यह रही की सात लाख से ज्यादा NOTA दबाया , गया यहाँ पर कई सीटों पर 13 वोट से लेकर 2000 वोट तक के कम अंतर से हार जीत का अंतर रहा , चुनाव क्षेत्र बदलने वाले नेता ज्यादातर हारे है बीजेपी के 26 नए चेहरों में से 18 नेता चुनाव जीते है। चिराग पासवान ने 12 सीटों पर JDU को चुनाव हारने में मदद की। RJD ग्रामीण क्षेत्र से ज्यादा सीट निकलने में सफल रही है जबकि बीजेपी शहरी /अर्ध शहरी क्षेत्रो में चुनाव जीतने में सफल रही है।
अन्तोगत्वा बिहार के चुनाव परिणाम अब सबके सामने है और NDA नितीश जी को मुख्यमंत्री के रूप में सपथ दिलवाकर सभी कयासों पर विराम जरूर लगएगा। परन्तु यदि हम भविष्य को देखते है तो तेजस्वी यादव जैसा नया नेता जरूर बिहार को मिला है और इस कार्यकाल के बाद नितीश जी अवश्य ही राजनीति से सन्यास ले लेंगे जैसा उन्होंने अपने चुनाव परिणाम में कहा था। NDA और नितीश जी को बिहार चुनाव जीतने की बधाई।
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