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अप्रैल, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नौकरी आपकी ....??

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आज आपको एक बड़ी ही रोचक कहानी सुनाता हूँ ,यह कहानी वैसे तो कई लोग अपने तरीके से सुनाते है पर मै यह कहानी फौज के परिपेक्ष्य में सुनाऊंगा 1           एक बार फ़ौज में कमान्डेंट महोदय ने सूबेदार मेजर को बताया की मुझे काफी शिकायते आ रही है इसलिए मैंने तय किआ है कि मै यूनिट का निरिर्शन करूँगा ,ऐसा सुनाते ही यूनिट में हडकंप मच गया यूनिट में रंगे पुताई शुरू हो गई और यूनिट को नै दुल्हन की तरह सजाया जाने लगा और जैसे तैसे सोमवार भी आ गया और कमान्डेंट महोदय यूनिट का निरिक्षण किया जाने लगा 1 लगभग सभी ठीक तक ही रहा पर जब कमान्डेंट महोदय मैस में पहुचे तो देखा कि मैस में बैगन बना है तो कमान्डेंट महोदय बोले की बेगन तो बहुत बेकार है इससे खुजली और कई तरह की बीमारी होती है , ऐसा सुनते ही सूबेदार महोदय ने मैस कमांडर को डाट लगते हुए कहा की मैंने भी मैस कमांडर को कई बार मन किआ ये पर ये मानता ही नहीं है आगे से ध्यान रखेंगे 1इस प्रकार निरिक्षण पूर्ण हो गया 1               इसके बाद लगभग दो महीने बाद पुनः कमान्डेंट महोदय द्वारा निरिक्षण का प्रोग्राम बना...

कितने बाबा ......?

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इसी सप्ताह बाबा आशाराम को जोधपुर न्यायलय द्वारा उम्र कैद की सजा सुने गई है 1 वैसे विगत वर्षो में काफी बाबा लोगो को इसी प्रकार सजा दी गई है 1 जिसमे बाबा रामपाल  भी प्रसिद्ध है , पर यह एक सोचने का विषय है किआखिर हमारा समाज क्यों इन डोंगी बाबाओ के चक्कर में पड़ता है 1               वैसे ये  तो सभी जानते है की हमारे समाज में महिलाए ही इनसे ज्यादा प्रभावित होते है , वैसे मैंने देखा है की हमारे एक रिश्तेदार है जो की बाबा आशाराम के इस तरह से भक्त थे की एक बार मैंने जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे ही नास्तिक बता दिया और कहा की आप यदि बाबा पर विश्वाश नहीं करते है तो प्लीज हमारे बापूजी के बारे में ऐसा न कहे 1मै यह सोचकर काफी आश्चर्य चकित था कि किस तरह एक WELL- EDUCATED परिवार जिसमे MBA, BCA, BTECH , जैसी डिग्री लिए हुए बच्चे किस प्रकार बाबाओ के चक्कर में पड़े हुए  है 1 यह हमारे समाज की विडंबना ही है 1              हम किस तरह के समाज में रह रहे है जो बच्चो के साथ हुए बलात्कार को भी सही ठरहने की कोश...

मज़बूरी..???

आज मैंने एक कहानी सुनी  ! जिसे मै आपके साथ शेयर करना चाहता हू ! एक लड़की थी जो काफी दिनों के बाद स्कूल आई थी , जिस पर उसकी टीचर ने उसे काफी डाटा और सजा दी , अगले दिन लड़की सही समय पर स्कूल पहुची , जिस पर स्कूल टीचर ने उसकी पिट थपथपाई और शाबाशी दी , इसके अलावा सभी बच्चो को समझाया की देखो  की कल दी गई सजा  के कारण आज शीतल 1 हा शायद उसका नाम शीतल ही था1, सही समय पर स्कूल पहुची है!             इस पर शीतल ने अपनी टीचर को बताया की मेरी माँ जो की पिछले 15 दिनों से बीमार थी और हॉस्पिटल में भर्ती थी मै रोज उन्हें सुबह उठकर खाना बनाकर हॉस्पिटल उन्हें देने जाती थी , मेरा कोई भाई भी नहीं है जो उनकी देखभाल कर सके इसलिए  ,वही रूककर उनकी देखभाल करती थी इसलिए स्कूल नहीं आ सकी , पर अब कोई दिक्कत नहीं है क्योकि डॉक्टर के काफी प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका , अब सुबह उठकर मुझे उनके लिए खाना नहीं बनाना पड़ता है , इसलिए आज के बाद में समय से स्कूल आ सकुंगी. यह सुनकर क्लास में ऐसा कोई नहीं था , जिसकी आंखे नम न हुई हो . परन्तु क्लास टीचर एकदम सतब्ध थी...

education system in india

आज मेरे पास एक व्हाट्सअप पर वीडियो आया जो की Patni  सर का था जिसमे उन्होंने केस स्टडी बताई है की हमारे देश भारत के बारे में एप्पल के फाउंडर स्टीव वॉज़ जो इसी  नाम से प्रसिद्ध है ने , भारत के बारे में टिप्पड़ी की है की भारत कभी भी एन्टेर्प्रेनुर का देश नहीं बन सकता क्योकि यहाँ के लोग सिर्फ अपनी पड़े पर ध्यान देते है और भारत में कमर्सिअल  एजुकेशन नहीं दी जाती है जबकि हमारे पडोसी चीन , वियतनाम , जापान, कोरिया जैसे देश हमसे टेक्नोलॉजी में आगे है क्योकि वहाँ  की शिक्षा ही ऐसी है जबकि भारत में सिर्फ नंबर पर जोर दिआ  जाता है , आप अपने से प्रश्न करे की क्या कभी आपने  अपने  बच्चे को स्कूल से दिए हुआ प्रोजेक्ट उसे करने दिए है या बाजार से जाकर किसी एक्सपर्ट से या आपके द्वारा वह प्रोजेक्ट किआ गया होगा ताकि कल जब स्कूल में उसका प्रोजेक्ट दिखाया जाये तो टीचर और बच्चा दोनों खुश हो जाये १       आज यही विडंबना है की भारत के लोग ये सोचकर खुश होते है की देखो इंद्रा नूरी, या सत्यम नडेला या कोई अन्य देखो अमेरिका में इस संस्थामें  में उच्च पदों पर असिन ह...