SC/ST एक्ट पर बवाल क्यों ???
शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी की sc/st एक्ट पर इस समय जो बवाल मचा है उसके बारे में सही से जानकारी अभी sc/st वर्ग को भी नहीं है बस उन्हें ये पता चल गया है की अगर उन्हें किसी से भी खुन्नस निकालनी है तो तो उस पर sc/st एक्ट लगा दो , इससे पहले भी हरिजन एक्ट हुआ करता था पर अभी जो एक्ट बीजेपी सरकार ने बनाया है वो कुछ इस तरह हो गया है की अगर आप पर sc/st एक्ट लगता है तो बिना आपका पक्ष जाने बिना पुलिस को आपको जेल में भेजना पड़ेगा इसके बाद जाँच की जाएगी ! इस समय सोशल मीडिया में बाहुबली फिल्म की एक क्लिप वायरल है जिसमे दिखाया गया है की जिसे सजा दी गई है उसे यह कहा जाता है की जब तक आप निर्दोष साबित नहीं होते है तब तक आप अपराधी है ! जैसा की विदित है की भारतीय कानून व्यवस्था में यह कहा जाता है की चाहे 100 दोषी बरी हो जाये पर एक निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए ! सुप्रीम कोर्ट ने भी पूर्व के हरिजन एक्ट के दुरपयोग को देखते हुये ही यह व्यवस्था की थी की इस एक्ट में तुरंत गिरफ़्तारी न हो पर बीजेपी सरकर को पता नहीं कोण सा मोह जगा की उन्होंने अध्यादेश लाकर में नहीं एक अत्यंत ही दुर्लभ प्रकार का कानून बना दिया वो भी सिर्फ sc/st के पूर्व में हुए विरोध को देखते हुए ! यहाँ यह बताना भी आवश्यक है की कोई भी पार्टी इस sc/st एक्ट के विरोध में नजर नहीं आयी यहाँ तक की यह अध्यायदेश बिना किसी रुकावट के दोनों सदनों में पारित हो गया ! इसलिए अब अगर आपसे कोई पार्टी इस सन्दर्भ में बीजेपी की बुराई करे तो आप उसे मुहतोड़ जवाब दे सकते है ! आप लोगो को यह जानकर हैरानी होगी की इस एक्ट से सिर्फ सवर्ण समाज ही प्रभावित नहीं होगा बल्कि मुस्लिम / ओबीसी /जैन/सिख/ पारसी कोई भी वर्ग जो sc/st में नहीं अंत है प्रभावित होगा ६ सितम्बर को सवर्ण समाज द्वारा जो आंदोलन किया गया है वह इस बात का परिचायक है की अब सवर्ण समाज चुप नहीं बैठेगा ! और इस आंदोलन के बाद मायावती का बयां भी इस बात का परिचायक है की वो इस बात को भली भांति जानती है की उन्हें भी इस समाज से काफी वोट प्राप्त होता है ! परन्तु बीजेपी की ख़ामोशी का अर्थ क्या है कही वो यह तो नहीं मन बैठी है की चाहे वो कुछ भी करे सामान्य वर्ग उनके साथ ही रहेगा ! अमित शाह , शिवराज सिंह , आरएसएस प्रमुख व मोदी जी के राजनाथ सिंह जी का सार्वजानिक सभा में यह कहना ही कोई माई का लाल या चाहे कुछ भी हो जाये हम आरक्षण समाप्त नहीं होने देंगे इसका क्या तात्पर्य यह है की यह बस वोट की लालसा मात्र है!
डॉ भीम राम आंबेडकर द्वारा आरक्षण को मात्र १० साल के लिए लागु किया गया था पर उन्होंने एक शर्त लगा दी थी की इसे 10 वर्षो तक उस समय की सामाजिक स्थिति देखकर बड्या जा सकता है और यह ५० वर्षो तक अधिकतम रहेगा ! पर दुर्भाग्य देखिये ५० साल के बाद बीजेपी सरकार द्वारा इसे १९९७ में लगातार जारी रखा और सभी पार्टी द्वारा इसका समर्थन किया गया !
डॉ भीम राम आंबेडकर द्वारा आरक्षण को मात्र १० साल के लिए लागु किया गया था पर उन्होंने एक शर्त लगा दी थी की इसे 10 वर्षो तक उस समय की सामाजिक स्थिति देखकर बड्या जा सकता है और यह ५० वर्षो तक अधिकतम रहेगा ! पर दुर्भाग्य देखिये ५० साल के बाद बीजेपी सरकार द्वारा इसे १९९७ में लगातार जारी रखा और सभी पार्टी द्वारा इसका समर्थन किया गया !
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