सिस्टम की घोर लापरवाही से जान गई
मैं, विजय पाल सिंह की प्रार्थना इस प्रकार है के दिनांक 29 जून 2021 को मेरे पुत्र अजय कुमार सिंह की तबियत अचानक सुबह लगभग 0500 बजे ख़राब हो गई मै तत्त्काल उसे CHC अजीतमल ले गया परन्तु वहाँ पर कोई चिकत्सक उपलब्ध नहीं था केवल एक चपरासी था जिनसे चिकित्सक के बारे में पूछने पर बता चला की रात्रि चिकित्सक मनीष है जो की अपने घर पर सो रहे है , उनको चपरासी द्वारा फ़ोन करके बुलाया गया चिकत्सक मनीष ने आने में आधे घंटे से भी ज्यादा समय लगाया। उन्होंने इमरजेंसी बताते हुए मेरे पुत्र को सैफई / कानपुर ले जाने की सलाह दी। महोदय मैंने उनसे एम्बुलेंस के लिए कहाँ गया। जिस पर 108 पर कॉल करने को कहाँ की हॉस्पिटल में उपलब्ध एम्बुलेंस ले जाये। ,परन्तु एम्बुलेंस नहीं मिली जबकि हॉस्पिटल में 03 /04 एम्बुलेंस थी। मेरा पुत्र बोल नहीं रहा था उसका आधा शरीर काम नहीं कर रहा था, ये सब देखते हुए मै अपने पुत्र को टेम्पो से कानपूर ले जाने लगा। पर उसकी तबियत को देखते हुए उसे औरैया सरकारी अस्पताल ले गया। जहाँ उपलब्ध चिकत्सक द्वारा बोतल ऑक्सीजन और एम्बुलेंस की व्यस्था की गई। परन्तु कानपूर ले जाते समय रस्ते में मेरे पुत्र ने लगभग 0830 बजे दम तोड़ दिया। मेरे पुत्र की उम्र मात्र 41 वर्ष थी जो अपने पीछे अपनी दो पुत्रियों, पत्नी व बूढ़े माँ बाप को छोड़ गया है। महोदय यहाँ मेरी जो शिकायत है वो ये है कि -
1 ) रात्रि ड्यूटी चिकित्सक कैसे एक चपरासी के भरोसे घर पर सो सकता है जबकि CHC अजीतमल आसपास के लगभग 40 गॉवों की लाइफ लाइन है।
2 )क्या जीवन रक्षा /इमरजेंसी के समय में भी कोई 108 को कॉल लगाएगा। यदि किसी के पास मोबाइल की व्यस्था न हो तो वो क्या करेगा अस्पताल में लोगो से 108 को कॉल लगाने के निवेदन करेगा। क्या ये अस्पताल के चिकित्सक की जवाबदारी नहीं है। यदि नहीं है तो औरैया अस्पताल में एम्बुलेंस , ऑक्सीजन कैसे मिली ये अजीतमल के चिकित्सक की घोर लापरवाही को दर्शाता है।
महोदय मैंने अपने पुत्र को खो दिया परन्तु मै यह चाहता हूँ की जो मेरे साथ हुआ वो किसी और के साथ न हो व जो भी लापरवाही या कर्तव्यनिष्ठ न हो उस पर कार्यवाही होनी ही चाहिए क्योकि ऐसे व्यक्ति समाज के लिए घातक है। मै उचित न्याय की मांग करता हूँ।
विजयपाल सिंह
अंबेडकर रोड विद्यानगर बाबरपुर ,
जनपद औरैया (उ प्र ) मो ० 8273510795
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