friendship day special...

   यह तो सत्य है की जैसे जैसे उम्र दर्ज होते जा रहे वैसे वैसे हमारी जिम्मेदारी बढ़ती   पारिवारिक , सामाजिक जिम्मेदारियों में उलझ जाते है ,और हमें अपने बचपन व स्कूल के लंगोटिया मित्रो से बात करने की फुरसत ही नहीं मिलती है ,इस भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ पल तो निकलने ही चाहिए और अपने बचपन के मित्रो के लिए कुछ समय तो निकलना ही चाहिए   ओर रिसर्च भी कहती है मित्रो से बात करने से स्ट्रेस कम  होता है ! वैसे ये फ्रेंडशिप डे पशतय सभ्यता का प्रतीक  है पर जब भी हम किसी की मित्रता की बात करते है तो श्रीकृष्ण भगवन और सुदामा जी की मित्रता की मिशाल देते है जहा से अमीरी गरीबी सब परे रह जाती है बस मित्रता ही रह जाती है  आइये अब बात करते है की किस प्रकार हम अपने मित्रो से मिल सकते है !

सामाजिक समारोह :-
 हम अपने बच्चो के जन्मदिन ,मुंडन व इसी प्रकार के अन्य मौको पर अपने मित्रो को बुलाना न भूले और मित्रो का भी यह फर्ज बनता है की वो इस प्रकार की खुशियों में अवश्य शामिल हो किसी भी प्रकार का बहाना न  बनाये क्योकि मेरा ऐसा विश्वास है की जब आप इस प्रकार के मौको में शामिल होते ह तो आपको अपने बचपन के दिन याद आते है और अपने दोस्तों के साथ वक्त का पता ही नहीं चलता है
!
जीतेन्द्र,गणेश ,गोपाल,लिटिल, और विनय 


वीकेंड पर घूमने का प्रोग्राम :-
आप अपने मित्रो के साथ वीकेंड बिताने का प्रोग्रमम भी बना सकते है इस प्रकार न केवल आप अपने मित्रो बल्कि आप सबका परिवार भी काफी नजदीक आता है ! इस तरह से न केवल आप एक बहुत अच्छा दिन बिताते है बल्कि बिजी जिंदगी में कुछ अच्छे पालो को यादगार भी बनाते है ! इसमें आपके बच्चो में भी अच्छी दोस्ती हो जाती है जो की आपके परिवारों के लिए भी अच्छा है !
विकास 


सालाना टूर :-
अगर आप और आपके दोस्त अलग अलग शारो में रहते है तो आप साल में एक टूर प्रोग्राम बना सकते है जिसके जरिये आप सभी आपस में मिलते रहे , इसे आप बच्चो के एजुकेशनल टूर में बदल सकते है ताकि आप आपस में अच्छा समय बिता सके और इस प्रकार के टूर पर टूर ऑपरेटर के द्वारा अच्छा डिस्काउंट भी दिए जाते है इसलिए यह एक अच्छा विकल्प है ! इस तरह के टूर को आप राजस्थान , अंदमान निकोबार , कोलकता आदि अच्छी जगह है !

आप सोचिये की आपका कोई मित्र जो आपका बहुत घनिष्ट हो और वर्षो बाद उसका फ़ोन आये तो आप स्वयं सोचिये को कितनी ख़ुशी मिलती है ,तो इस फ्रेंडशिप डे पर आप भी फोन उठाये और अपने मित्रो को फोन करे जिनसे आप बात करना चाहते है और किसी छोटी-मोटी बात को लेकर बात बंद हो गई हो ये मेरी आपसे गुजारिश है !और अंत में किसी कवि की कुछ पंक्तिया :-

तप्त हृदय को , सरस स्नेह से,
जो सहला दे , *मित्र वही है।*


रूखे मन को , सराबोर कर,
जो नहला दे , *मित्र वही है।*

प्रिय वियोग ,संतप्त चित्त को ,
जो बहला दे , *मित्र वही है।*

अश्रु बूँद की , एक झलक से ,
जो दहला दे , *मित्र वही है।*



 


धन्यवाद आपका विनय सेंगर 🙏




  

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