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नवंबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हाउस वाइफ

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                            हमारी सर्वे टीम ने दरवाजा खटखटाया तो एक सुन्दर सी महिला घर से बहार आई। मैने  उन महिला को बताया की हम महिला उत्थान समिति से है , समाज में महिलाओ की स्थिति को जानने के लिए घर -घर सर्वे कर रहे है। और हम चाहते है कि आप हमारे सर्वे का हिस्सा बने व हमारे सवालो का जवाब दे।  आपका नाम:- शिल्पी  घर में सदस्य:- 03  आपके पति का व्यवसाय :- स्वरोजगार  उनकी मासिक आय :- 40000 रूपये                           इसके बाद मैंने शिल्पी जी से उनके व्यवसाय के बारे में पूँछा  तो उनका जो जवाब था वह सुनकर मई आश्चर्य में पद गया। शिल्पी जी ने बताया की क़्वीन  ऑफ़ हाउस ,मैंने पुनः पूँछा  आप समझी नहीं मेरा पूंछने का तात्पर्य है आप जॉब करती है या हाउस वाइफ है तो उन्होंने कहा मैंने घर से शादी नहीं की है इसलिए मई हाउस वाइफ कैसे हुई।  मुझे मेरे घर पर मेरे पति , बच्चो व बड़ो से बहुत ज्यादा प्य...

उसे मेरी याद आ रही होगी

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उसे मेरी याद आ रही होगी जो कल तक मुझसे  गैर थे , आज मुझे गुनगुना रही होगी , उसे मेरी याद आ रही होगी, मन में उलझने तो होंगी बहुत पर वो उनको सुलझा रही होगी , उसे मेरी याद आ रही होगी मन में आता  तो होगा बात न करे मुझसे पर वो बाते बना रही होगी , उसे मेरी याद आ रही होगी, रात  की लौ जले जब मेरी तरह ,  उसमे वो खुद भी जला रही होगी , उसे मेरी याद आ रही होगी मिल सब शिकवे -गिले  दूर करे , पर वो मुझसे घबरा रही होगी ,  उसे मेरी याद आ रही होगी ख्वाहिश तो उसकी भी होंगी मेरी तरह , पर वो ख्वाहिशे दबा रही होगी ,  उसे मेरी याद आ रही होगी कल जो किस्मत  से मिली राह  पे वो, वो राह  मेरी तरफ आ रही होगी।                                                                                        धन्यवाद   आपका विनय से...

विवाह

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                         विवाह                               एकाएक मेरे पास मेरे एक मित्र का फोन आया की तुरंत घर आओ मैंने उनसे पूंछा की बात क्या है तो मरा मित्र बोला जल्दी घर आओ , और फिर फोन काट दिया। मै आनन -फानन में ट्रैन पकड़  कर  उसके घर पंहुचा। वहां  जाने पर पता चला कि उसकी पत्नी वंदना   घर छोड़कर मायके चली गई है। वह क्यों गई यह पूछने पर मित्र ने बताया की हम लोगो के बीच  काफी झगड़ा चल रहा है इसलिए वह मायके चली गई है और वह से उसने तलाक के कागजात भिजवाए है , यह सुनकर मुझे आज से 8 साल पहले का कालेज का  मंजर सामने आ गया जब मेरे मित्र को उससे प्यार हुआ था परन्तु उसके पास हिम्मत नहीं थी की वह वंदना  को यह बता सके , उसके कहने पर ही मै  वंदना  से मिला और अपने मित्र की बात उससे कही क्योकि मै यहाँ जनाता था की वंदना  भी उसे चाहती है और इस प्रकार वंदना  और मेरे मित...

महापर्व छठ पूजा ..

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                      आज  छठ पूजा का महापर्व है और भगवान् की कृपा से मुझे भी आज डिब्रूगढ़ में छठ  पूजा देखने का अवसर प्रदान हुआ ,आप लोगो को एक दिलचस्प बात बताता हूं।  यहाँ ब्रम्हपुत्र नदी के किनारे मनोहर छटा देखते ही बनती थी और मैंने देखा की नहीं के किनारे ही डिब्रूगढ़ छठ  पूजा समिति का पंडाल देखने को मिला जहाँ उत्तर प्रदेश के बलिया जिले  की प्रोग्राम  पार्टी आयी थी जिसमे कई प्रसिद्ध कलाकार आये थे।  एक सज्जन द्वारा मंच से यह सुनने को मिला की आज से ३० साल पहले ब्रम्हपुत्र में बहुत ही काम लोग लगभग 20/50 लोग ही छठ  पूजा मानते थे परन्तु आज तो पूरा ब्रम्हपुत्र घाट ही भरा हुआ है।   ब्रम्हपुत्र नदी  किनारे महापर्व छठ पूजा का विहंगम दृश्य। छठ  पूजा का महत्त्व:-                        छठ  पूजा को चार भागो में बनता जा सकता है , पहला है नहाय/ खाय - इसमें कार्तिक  शुक्ल  पक्ष चतुर्थी  को पवित्र नदिय...

क्या याद मुझे तुम करते हो या आपस में ही लड़ते हो

क्या याद मुझे तुम करते हो या आपस में ही लड़ते हो , मैं  देख रहा हूँ , देश की हालत क्या तुमने कर दी है , सोच रहा  था  क्या मैंने इसीलिए जान दी है , क्यों पल रहा देश में मेरे ये आतंकवाद , क्यों सूरा सा बढ़ाता  है ये नक्सलवाद , तुमने हिन्दू -मुस्लिम करके अपनी शान बढ़ाई  है , और हम हिन्दू -मुस्लिम ने मिलकर देश के लिए जान गवाई है, घर में मेरे भी वो तोतली बोली मुझे बुलाती है, घर पर मेरे माँ-पापा की रोती आंख बुलाती है , पर तुम क्या जानो ,तुम्हे अपनी दुकान चलानी है, कोई मरे, देश टूटे ,तुमको करनी मनमानी है , मैं ये देखकर दिल रोता है ,आत्मा मेरी आहत हैं , देश रहे आबाद हमारा ये हम सबकी चाहत है ,                                                                                                   विनय कुमार सिंह