महापर्व छठ पूजा ..
आज छठ पूजा का महापर्व है और भगवान् की कृपा से मुझे भी आज डिब्रूगढ़ में छठ पूजा देखने का अवसर प्रदान हुआ ,आप लोगो को एक दिलचस्प बात बताता हूं। यहाँ ब्रम्हपुत्र नदी के किनारे मनोहर छटा देखते ही बनती थी और मैंने देखा की नहीं के किनारे ही डिब्रूगढ़ छठ पूजा समिति का पंडाल देखने को मिला जहाँ उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की प्रोग्राम पार्टी आयी थी जिसमे कई प्रसिद्ध कलाकार आये थे। एक सज्जन द्वारा मंच से यह सुनने को मिला की आज से ३० साल पहले ब्रम्हपुत्र में बहुत ही काम लोग लगभग 20/50 लोग ही छठ पूजा मानते थे परन्तु आज तो पूरा ब्रम्हपुत्र घाट ही भरा हुआ है।
ब्रम्हपुत्र नदी किनारे महापर्व छठ पूजा का विहंगम दृश्य।
छठ पूजा का महत्त्व:-
छठ पूजा को चार भागो में बनता जा सकता है , पहला है नहाय/ खाय - इसमें कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी को पवित्र नदियों में स्नान करके कद्दू/ लौकी के फल को खाया जाता है और इस प्रकार छठ पूजा प्रारम्भ हो जाती है।
दूसरा दिन इसे लोहंडा/खरना कहा जाता है और ये शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है इसमें व्रती पूरे दिन निराहार रहती है व रात्रि में खीर बनाकर खाई जाती है इसी खीर को सभी लोगो को प्रसाद के रूप में भी बाँटा जाता है , इस दिन सभी रिश्तेदारों को बुलाकर उन्हें भोजन कराया जाता है। तीसरे दिन ढलते सूर्य को अर्घ दिया जाता है और अंतिम यानि चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ दिया जाता है तथा सभी को प्रसाद वितरित किया जाता है। इस व्रत में स्वच्छता व शुद्धता का विशेष ध्यान दिया जाता है।
धन्यवाद आपका
विनय सिंह सेंगर
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