उसे मेरी याद आ रही होगी

उसे मेरी याद आ रही होगी
जो कल तक मुझसे  गैर थे ,
आज मुझे गुनगुना रही होगी ,
उसे मेरी याद आ रही होगी,
मन में उलझने तो होंगी बहुत
पर वो उनको सुलझा रही होगी ,

उसे मेरी याद आ रही होगी

मन में आता  तो होगा बात न करे मुझसे
पर वो बाते बना रही होगी ,

उसे मेरी याद आ रही होगी,
रात  की लौ जले जब मेरी तरह ,
 उसमे वो खुद भी जला रही होगी ,

उसे मेरी याद आ रही होगी

मिल सब शिकवे -गिले  दूर करे ,
पर वो मुझसे घबरा रही होगी , 

उसे मेरी याद आ रही होगी

ख्वाहिश तो उसकी भी होंगी मेरी तरह ,
पर वो ख्वाहिशे दबा रही होगी , 

उसे मेरी याद आ रही होगी

कल जो किस्मत  से मिली राह  पे वो,
वो राह  मेरी तरफ आ रही होगी। 


                                                                                      धन्यवाद 

 आपका विनय सेंगर 




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