मेरी जम्मू यात्रा
कैसे बना टूर :-
मै और मेरे दोस्त ने मिलकर वैष्णोदेवी जाने का कार्यक्रम बनाया जिसे हमने अपने व्हाट्सअप पर इसके बारे में शेयर किया और सभी दोस्तों से वैष्णो देवी टूर के बारे में पूंछा पर अधिकांश दोस्तों ने अपनी अस्वीकृती दी। सिर्फ मै , कुलदीप , विकास तीन ही दोस्त तैयार हुए। अब इस टूर को बुक करने का जिम्मा मेरे ऊपर था , मैंने भी अपने कंप्यूटर ज्ञान का इस्तेमाल करके कई टूर ओपेरटर से बात की ,इस बातचीत के दौरान कई टूर ओपरेटरो द्वारा मुझे उनका टूर प्लान भेजा गया और अंत में एक टूर ऑपरेटर से तक़रीबन 75 हजार में वैष्णो देवी, अमृतसर , शिमला का टूर फाइनल हुआ पर अब दिक्कत थी वो ये थी की तीनो मित्रो में अभी तक ये फाइनल नहीं हुआ था की कितने लोग इस टूर में जा रहे है , जो पहले 17 बड़े छोटे थे वो अब 21 पहुंच गए थे।
और टूर ओपेरटर ने भी अपना गुणा भाग करके टूर पैकेज को 123000 रूपये का बना दिया।
अन्त: ये फाइनल हुआ की हम सब ट्रैन से जायेंगे और शिमला को अपने टूर से निकाल दिया गया। अब ट्रैन की टिकट बुक करनी तो सारी डिटेल्स अब मेरे मित्र कुलदीप को भेजनी थी और वो ही टिकट बुक कर रहा था। जब साडी डिटेल्स कुलदीप तक पहुंच गई थो उसने सभी टिकट बुक कर दी।
दिक्कते अभी समाप्त नहीं हुई थी
टूर फाइनल हो चूका था टिकट भी निकलवा ली गई थी पर मेरे पिताजी और मेरे एक रिश्तेदार ने स्वास्थ व् घरेलु समस्या का हवाला दिया। इस पर टूर शुरू होने के 2 दिन पहले ही इनकी टिकट्स कैंसिल करवानी पड़ी। विकास के पापा की भी तबियत ख़राब थी उसने इस बारे में मुझसे बात की पर मैंने उन्हें ले चलने को कहा।
यात्रा की शुरुवात :-
मै ,अपने परिवार के साथ अपने घर औरैया से नई दिल्ली के लिए बस द्वारा यात्रा आरम्भ की पर जब में बस से निकल रहा था तभी मेरा मोबाइल गिर गया , और ये वही मोबाइल था जिस पर मेरा OTP आता था , जिसकी जानकारी मैंने अपने मित्रो से दी। और बाद में हमने अपनी यात्रा बस शुरू की और सुबह 5 बजे कुलदीप के घर दिल्ली पहुंच गया ,विकास भी अपने परिवार के साथ रेलवे स्टेशन आ गया ,इसके बाद शाम को हम सभी दिल्ली से ट्रैन द्वारा जम्मू को प्रस्थान कर गए , हम अब सब मिलकर 16 लोग थे ।
प्रथम दिन:- हम सभी लोग श्री माता वैष्णो देवी के निकटम रेलवे स्टेशन कटरा पहुंच गए सुबह का लगभग 4 बजे का समय था।
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