mother's day special ....(माँ तो माँ होती है !)
मदर्स डे हम क्यों मानते है इसके बारे में शायद बहुत ही कम लोगो को जाकारी होगी , वैसे आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगो के का परिवार संकुचित हो गया है और भारत सरकार के परिवार की परिभाषा में भी माता-पिता तभी आपके परिवार का हिस्सा है जब वो आप पर आश्रित हो मतलब उनकी मासिक इनकम 9000 रूपये से कम हो ! सबसे पहले तो आपको बता दे की मदर्स डे , क्रिस्चियन कम्युनिटी में मनाया जाने वाला एक पर्व है जो की मदर मेरी जो की वेर्जिन थी उन्हें ईश्वर की कृपा से रविवार को प्रभु ईशा मसीह को जन्म देने के उपलक्ष में मनाया जाता है इसीलिए इसे" मदरिंग सन्डे " के नाम से भी जाना जाता है ! यही कारण है की 2017 को यह 14 मई(रविवार) को तथा 2018 को 13 मई (रविवार) को मनाया जा रहा है!
चित्र : सौजन्य से विकिमीडिया कॉमन
माँ को बच्चो की पहली शिक्षका कहा जाता है , इसलिए आजकल के व्यस्त जीवन में आप लोगो को अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा देने की आवश्यकता है , और आप अपने बच्चो को जो शिक्षा देना चाहते है वैसा ही व्यवहार आप अपने माता पिता के साथ करे ,क्योकि कुछ शिक्षा तो बच्चे अपने माता- पिता के व्यवहार को देखकर ही सीख जाते है आपने एक कहानी तो सुनी ही होगी की एक बच्चा अपने माता पिता को अपना घर मंदिर के पास बनाने को कहता है , क्योकि वो देखता है की उसके माता -पिता अपने बूढ़े माँ-बाप को पार्टी जाते समय यह कहते है की आज हम जल्दी नहीं आ पाएंगे तो आप पास वाले मंदिर में हो रहे भंडारे में भोजन करने को कहते है तो बच्चा भी देखता है की बुढ़ापे में माँ बाप को भंडारे का भोजन करना पड़ेगा तो वह मंदिर के पास घर बनाने की सलाह देता है ताकि उसके माँ -बाप को बुढ़ापे में दिक्कत न हो !
इसलिए बच्चो को शिक्षा के अलावा संस्कार भी दे क्योकि अपने हमने देखा है की जो ज्यादा पढ़ा होता है वो विदेशो में नौकरी आदि प्राप्त करने के बाद अपने माँ बाप की सेवा नहीं करता है ! अभी भी गाँव में एक कहावत कही जाती है " पढ़े लिखे तो घर से गए , नहीं पढ़े तो हर (हल) से गए " इसलिए बच्चो पढाये अवश्य परन्तु संस्कार भी दे !
आजकल बच्चों में संस्कार के अलावा एकता के बारे में भी बताये क्योकि जो बच्चे बचपन से देखते आते है की उनके माँ -बाप अपने माता -पिता के साथ नहीं रह रहे है यही उनका स्वभाव हो जाता है और वो भी बड़े होकर यही तरीका अपनाते है और इसे सही भी मानते है! भारत में माता पिता को सम्मान देने के लिए किसी मदर्स डे की जरुरत है ऐसा नहीं है ! इस देश में माता पिता के कहने पर अपना सब कुछ न्योछावर करने वालो की कमी नहीं है , श्रवण कुमार को कौन नहीं जनता या भगवन राम या कृष्ण के बारे में बताने की आवश्यकता नहीं है ! फिर भी भारत में अगर मदर्स डे जो की सोशल मीडिया में देखने में मिल रहा है इसे बुरा नहीं कहा जा सकता है , क्योकि इसी बहाने कम से कम हम अपने माँ को जिन्होंने हमें जन्म दिया है उन्हें याद कर सकते है क्योकि अधिकतर लोग अपनी नौकरी या पढाई के कारण अपनी माँ के पास नहीं है , इसी बहाने उन्हें कुछ स्पेशल तरीके से याद कर सकते है !
मेरी माँ
हम भारत के परिपेक्ष्य में मदर्स डे को एक अपुर्चिनिटी के तौर पर ले सकते है और यदि आप अपने घर जा सकते है तो बहुत ही अच्छी बात है और आप इसे एक मौके के तौर पर ले और अपनी माँ , परिवार को समय दे सकते है !मदर्स डे पुरे परिवार को साथ लाने के मौके की तरह ले और अपने परिवार को समझे ! माँ बाप बोझ नहीं होते है ये हमारी धरोहर है इनके सुख-दुःख का ख़याल रखे , हम श्रवण कुमार , या भगवन राम तो नहीं बन सकते परन्तु अपनी तरफ से पूरी कोशिश करे की आपके माँ बाप आपकी वजह से दुखी न हो ! यदि आप अपनी नौकरी या पढाई की वजह से घर से दूर रहते हो तो दिन में कम से कम एक बार अपने माता पिता से बात अवश्य करे क्योकि हो सकता है की आपको ये मामूली बात लगे पर यकीन मानिये वो हर दिन आपके फोन का इंतजार करते है और यदि अपने अनुभव नहीं किया है तो अगली बार जब बात करे तो नोट कीजिये की वो आपसे ये पूछते है की कल फोन क्यों नहीं किया बिजी थे क्या ??? हमारे NRI भाई- बहनों से एक निवेदन है की ये जरुरी है की आप पैसा कमाए और आपकी तरक्की हो पर यह अवश्य याद रखे की आपके इस आज को बनाने के लिए किसी ने अपना वर्तमान दिया था ! वो आपके माता पिता है , मै यह नहीं कहता की आप सभी NRI इसी प्रकार के होते है पर मैं व्यक्तिगत जितनो को जनता हूँ उनके माता पिता एकाकी जीवन बिता रहे है या किसी दूसरे के सहारे है ! यदि आप अपने माता पिता का ख्याल रखेंगे तो , मुमकिन है हमें ओल्ड एज होम की जरुरत ही न पड़े !
जय हिन्द
आपका विनय सेंगर
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