WORLD FAMILY DAY...(विश्व परिवार दिवस)
आज 15 मई है , आज के दिन को विश्व परिवार दिवस के रूप में मानते है ,२० सितम्बर 1993 को यूनाइट नेशन जनरल अस्सेम्बली द्वारा एक रिजोलुसन पास हुआ था जो A/RES/47/237 के नाम से था , जिसके तहत 15 मई को विश्व परिवार दिवस के रूप में मानते है ! और हम वर्ष 1995से लगातार विश्व परिवार दिवस मानते आ रहे है! परिवार को हमारे वेदों में कुठुम्भ के रूप प्रस्तुत किया गया है अर्थात सम्पूर्ण विशव एक परिवार है ! अत: विशव परिवार दिवस को मानाने के पीछे यह परिकल्पना थी की हम किस प्रकार पारिवारिक मूल्यों को बचाया सके ! जैसा की देखने में आया है की हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने पारवारिक मूल्यों को भूल गए है ! माता पिता ,पत्नी , बच्चो , भाई बहन आदि के साथ में रहने से परिवार पूर्ण हो जाये ऐसा नहीं है परिवार एक बंधन का नाम है जो जितना मजबूत डोर से बंधा होगा उतना ही अच्चा होता है ! भारत में दो प्रकार के होते है :-
1) एकल परिवार
2) संयुक्त परिवार
दोनों तरह के परिवारों के कुछ फायदे और कुछ नुकसान है !
संयुक्त परिवार में जहाँ दादा-दादी , चाचा -चाची , चचेरे भाई -बहन इत्यादि सभी मिलकर रहते है ऐसे परिवार अभी भी भारत के गावो में देखने को मिल जाते है जबकि इसके विपरीत एकल परिवार भारतीय शहरों में देखने को मिलते है जहाँ पति -पत्नी अपने बच्चो के साथ रहते है ! संयुक्त परिवार के फायदे यह है की आपकी समस्याए सिर्फ आपकी न होकर पुरे परिवार की होती है और पूरा परिवार उसका मिलकर सामना करता है ! इसमें बच्चो की देखभाल के लिए भी पूरा परिवार होता है ! इसके उलट एकल परिवार को इन्ही समस्याओ का सामना करना पड़ता है परन्तु एकल परिवार का फायदा यह है की इसमें कमाने वाले व्यक्ति सिर्फ अपने बच्चो का ध्यान ज्यादा उचित तरीके से करता है और उस पर ज्यादा वित्तीय बोझ नहीं पड़ता है , जिससे वो अपने भविष्य के लिए भी सेविंग कर सकता है ! एकल परिवार का मुखिया अपने सभी निर्णय लेने में सक्षम होता है और क्योकि उसे अपने निर्णय के लिए स्वतंत्र होता है इसलिए निर्णय त्वरित होते है परन्तु एकल परिवार में जहाँ एकाकी पन झेलना पड़ता है क्योकि यदि पति पत्नी दोनों वोर्किंग है तो बच्च्चो को उनका अभाव का सामना करना पड़ता है इसी प्रकार बच्च्चो के स्कूल और पति के काम पर जाने के बाद पत्नी को एकाकी जीवन झेलना पड़ता है इस्सी कारण आत्महत्या के मामले और अन्य अपराध बढ़ रहे है !
आजकल आजादी की चाह में भी सम्पूर्ण विश्व में एकल परिवार की लहर सी बढ़ गई है ! भारत जो कभी विश्वगुरु था , उसमे परिवार आज भी परिवार अन्य देशो की तुलना में मजबूत स्थिति में है ! यहाँ के शादी समाहरो में परिवार का महत्व देखते ही बनता है ! जहाँ बुआ का रूठना , उन्हें मनाना, साथ ही बारात में फूफा का गुस्सा होना भारतीय शादियो में आम बात है और हर एक रिश्ते का एक मूल्य होता है !
संयुक्त परिवार की एक झलक
वर्ष 2018 का motto या थीम "Families and inclusive societies" है ! आज माता पिता को अपने बच्चो को समय देने की आवश्यकता है व अपना ज्यादा समय अपने बच्चो को और क्वालिटी समय अपने माता पिता को दे और अगर आपको मोका मिलता है तो अपने माता -पिता को साथ रखे क्योकि वो बढ़े है और उन्हें भी आपकी आवश्यकता है एक महत्वपूर्ण बात यह है है की बेशक वो कमा के न दे क्योकि पेड़ चाहे फल न देता हो वो बेकार नहीं होता क्योकि वो छाया तो देता ही है ! अत: अब समय आ गया है की आप अपने परिवार को समझे व विश्व परिवार दिवस की आवश्यकता क्यों पड़ी इसे भी ध्यान में रखे !
जय हिन्द
आपका विनय सेंगर
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